Monday, February 6, 2012

Venugopala mangalaashtakam

ॐ गं गणपतयॆ नमः ।।            ॐ श्री वागीश्वर्यै नमः॥
              श्रीमद्धर्मपु्रीवासिनः
      श्री वॆणुगॊपालस्वामिनः
                 मङ्गळाष्टकम्  
1)  दक्षिणॆ सत्यभामा च वामॆ तॆ रुक्मिणी विभॊ!    
   धर्मपूर्वेणुगोपाल ! तुभ्यं कृष्णाय मंगलम् ॥
 2) वॆणुभूषितहस्ताय वॆणुगानप्रियात्मनॆ ।
    धर्मपूर्वेणुगोपाल ! तुभ्यं कृष्णाय मंगलम् ॥ 
3) पीतांबरांचितायास्मै प्रणतः क्लॆशनशिनॆ । 
  धर्मपूर्वेणुगोपाल ! तुभ्यं कृष्णाय मंगलम् ॥

4) भास्वत्कौस्तुभवत्साय भक्ताभीष्टप्रदायिनॆ ।
 धर्मपूर्वेणुगोपाल ! तुभ्यं कृष्णाय मंगलम् ॥ 

5) धृतचक्रगदायास्मै हृतकंसादिरक्षसॆ । 
  धर्मपूर्वेणुगोपाल ! तुभ्यं कृष्णाय मंगलम् ॥ 


6) आदिमध्यान्तहीनाय त्रिगुणात्मकरूपिणॆ । 
  धर्मपूर्वेणुगोपाल ! तुभ्यं कृष्णाय मंगलम् ॥ 


7)  परब्रह्मस्वरूपाय सच्चिदानंदरूपिणॆ । 
  धर्मपूर्वेणुगोपाल ! तुभ्यं कृष्णाय मंगलम् ॥ 


8) विश्वनाथनुतायास्मै विश्वरक्षणहॆतवॆ । 
  धर्मपूर्वेणुगोपाल ! तुभ्यं कृष्णाय मंगलम् ॥
भगवदाशीर्वादाभिलाषी
कोरिडॆ विश्वनाथ शर्मा
धर्मपुरी

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